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Dharmkshetra | धर्मक्षेत्र
चार वेदों का संग्रह (ऋग्वेद संहिता, यजुर्वेद संहिता, सामवेद संहिता, अथर्ववेद संहिता)
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चार पवित्र वेदों - ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद और अथर्ववेद - का यह व्यापक संग्रह प्राचीन भारतीय ज्ञान के आध्यात्मिक और दार्शनिक आधारों में गहराई से गोता लगाता है। वैदिक संहिता में प्रत्येक वेद एक अद्वितीय उद्देश्य पूरा करता है:
- ऋग्वेद : सबसे पुराना और सर्वाधिक पूजनीय, जिसमें विभिन्न देवताओं और ब्रह्मांडीय सिद्धांतों के भजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- यजुर्वेद : अनुष्ठानों और बलिदानों की एक पुस्तिका, जिसमें वैदिक समारोहों के उचित निष्पादन पर बल दिया गया है।
- सामवेद : धुनों का वेद, अनुष्ठानिक जप के लिए संगीतबद्ध भजनों से बना।
- अथर्ववेद : भजनों और मंत्रों का एक संग्रह, जो रोजमर्रा के जीवन, उपचार और आध्यात्मिक संरक्षण को संबोधित करता है।
ये चारों वेद मिलकर पवित्र प्रथाओं, ब्रह्मांडीय नियमों और नैतिक मार्गदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं, जिन्होंने हजारों सालों से भारतीय विचार और आध्यात्मिकता को आकार दिया है। यह संग्रह विद्वानों, आध्यात्मिक साधकों और हिंदू दर्शन और अनुष्ठान की जड़ों को समझने में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
प्रमुख विशेषताऐं:
- चारों वेदों का संपूर्ण संग्रह, जिनमें से प्रत्येक में अद्वितीय शिक्षाएं और अंतर्दृष्टियां हैं
- आध्यात्मिक और अनुष्ठानिक अभ्यास के लिए विस्तृत भजन, मंत्र और अनुष्ठान संबंधी दिशानिर्देश
- वैदिक दर्शन, ब्रह्माण्ड विज्ञान और नैतिकता को समझने के लिए एक मार्गदर्शिका
- विद्वानों, आध्यात्मिक साधकों और प्राचीन भारतीय संस्कृति की खोज करने वालों के लिए उपयुक्त





