Dharmkshetra | धर्मक्षेत्र
ईश्वर और संसार
ईश्वर और संसार
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यह श्री जयदयाल गोयंदका द्वारा लिखे गए 91 पत्रों का संग्रह है, जिसमें साधकों के विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक प्रश्नों को संबोधित किया गया है। यह पुस्तक ईश्वर, आत्मा और सृष्टि की प्रकृति जैसे विषयों पर गहराई से चर्चा करती है, तथा देवत्व पर वैदिक और पश्चिमी दृष्टिकोणों के बीच मुख्य अंतरों को उजागर करती है। यह जन्म, मृत्यु और कर्म के चक्र में ईश्वर की भूमिका पर जोर देती है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मार्गदर्शक बन जाती है जो गोयंदका के तत्व चिंतामणि में पाए जाने वाले गहन ज्ञान को दर्शाती है।
- श्री जयदयाल गोयंदका द्वारा 91 पत्रों का संग्रह
- साधकों के विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक प्रश्नों का समाधान
- ईश्वर, आत्मा और सृष्टि की प्रकृति जैसे विषयों का अन्वेषण करता है
- देवत्व पर वैदिक और पश्चिमी दृष्टिकोण के बीच अंतर पर प्रकाश डाला गया
- जन्म, मृत्यु और कर्म के चक्र में ईश्वर की भूमिका पर जोर देता है
- तत्व चिंतामणि के ज्ञान को प्रतिबिंबित करने वाला महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मार्गदर्शक
