बाल्मीकि रामायण सुन्दरकाण्ड सटीक | Balmiki Ramayan Sunderkand Satik
बाल्मीकि रामायण सुन्दरकाण्ड सटीक | Balmiki Ramayan Sunderkand Satik
श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण ग्रन्थाकार - त्रेतायुग में महॢष वाल्मीकि के श्रीमुख से साक्षात् वेदों का ही श्रीमद्रामायण रूप में प्राकट्य हुआ था, ऐसी आस्तिक जगत्की मान्यता है। अत: श्रीमद्रामायण को वेदतुल्य प्रतिष्ठ ा प्राप्त है। धराधाम का आदिकाव्य होने के कारण इसमें भगवान्के लोकपावन चरित्र की सर्वप्रथम वाङ्मयी परिक्रमा है। इसके एक-एक श्लोक में भगवान्के दिव्य गुण, सत्य, सौहार्द, दया, क्षमा, मृदुता, धीरता, गम्भीरता, ज्ञान, पराक्रम, प्रजा-रंजकता, गुरुभक्ति, मैत्री, करुणा, शरणागत-वत्सलता-जैसे अनन्त पुष्पों की दिव्य सुगन्ध है। मूल के साथ सरस हिन्दी अनुवाद में दो खण्डों में उपलब्ध, सचित्र, सजिल्द।
Explore the epic tale of Balmiki Ramayan Sunderkand Satik, a meticulous and accurate collection written by the renowned author. Immerse yourself in the expertly crafted story of Ram and Sita, full of historical and spiritual significance. Published By GitaPress Gorakpur.
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